तराई
#1

तराई
Taken from : Ambuja Technical  Literature Series -21

१.० प्रस्तावना

सीमेंट और पानी की रासायनिक प्रक्रिया से कांक्रीट और सीमेंट मसाला घन या कठोर (सेट) होना शुरु होता है। कांक्रीट या सीमेंट मसाले में पानी की मात्रा पर यह प्रक्रिया अवलंबित होती है। जब कांक्रीट या सीमेंट मसाला तैयार किया जाता है तब जरुरत के मुताबिक पानी की मात्रा उसमें घोल की प्रक्रिया के लिये (हायड्रेशनके लिये) डाली जाती है। रासायनिक प्रक्रिया के लिये कांक्रीट या सीमेंट मसाले में पानी रहना जरूरी है या जरूरत के मुताबिक डालना महत्वपूर्ण है। यह पानी कांक्रीट या सीमेंट मसाले में जब तक ताकत नहीं आती तब तक डाला जाता है।

बाष्पीभवन से कांक्रीट या सीमेंट मसाले में होने वाले पानी मे पर्याप्त कमी आती है। इससे कांक्रीट या सीमेंट मसाले की घन या कठोर होने की प्रक्रिया धीमी या बंद होती है। इससे उसकी ताकत और स्थिरता पर असर पड़ता है। घोल की प्रक्रिया को (हायड्रेशन की) मदद करने के लिये कांक्रीट या सीमेंट मसाले में अतिसूक्ष्म नलिकाएँ होती है। इसलिये जहाँ ताजा कांक्रीट या सीमेंट मसाले ढाले या इस्तेमाल किये जाते है, उसकी आजूबाजू की जगह ज्यादा आर्द्रतापूर्ण होनी चाहिये। ऐसे वातावरण से कांक्रीट या सीमेंट मसाले मे मजबूती आने में मदद मिलती हैं। इस प्रक्रिया को कांक्रीट या सीमेंट मसाले की तराई कहत है।

कांक्रीट या सीमेंट मसाले के बांधकाम में तराई करना यह आखिरी टप्पा होता है। यह टप्पा बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इसलिये तराई करते समय संपूर्ण ध्यान देना बहुत ही जरुरी है।

कांक्रीट या सीमेंट मसाले के बांधकाम में शुरुवात में अच्छी तरह उसकी देखभाल करनी पड़ती हैं। जैसे कि नवजात शिशु की करनी पड़ती है यदि का


for more details download....
.pdf तराई -fd.pdf Size: 1.59 MB  Downloads: 0
Reply


Forum Jump:


Users browsing this thread: 1 Guest(s)