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समुदघात - FDArchitects - 09-22-2024

समुदघात

समुदघात -------- अपने मूल शरीर को न छोडकर , तैजस व कार्माण शरीर के प्रदेशो सहित , आत्मा के प्रदेशो का शरीर के बाहर निकलना समुदघात कहलाता है
समुदघात 7 प्रकार के होते है
1---वेदना समुदघात ---- तीव्र वेदना के कारण आत्मा के कुछ प्रदेशो का शरीर से बाहर निकलना वेदना समुदघात कहलाता है
2----कषाय सुदघात ---- तीव्र कषाय होने पर आत्मा के कुछ प्रदेशो का शरीर से बाहर निकलना कषाय समुदघात कहलाता
3---विक्रिया समुदघात -----स्वशरीर से छोटा, बडा या अन्य शरीर की विक्रिया के लिऐ , कुछ आत्म प्रदेशो का बाहर निकलना विक्रिया समुदघात है ये समुदगात देव व नारकियो के तो होता ही है लेकिन विक्रिया ऋद्धिधारी मुनियो के भी , भोगभूमिके जीव , चक्रवर्ती के भी होता है
4--मारणांतिक समुदघात ----मरण के अन्तरमूहूर्त पहले , मूल शरीर को न छोडकर , किसी जीव के जहा उसे पैदा होना है ,उस क्षेत्र का स्पर्श करने के लिऐ आत्मा के प्रदेश बाहर निकलते है वह मारणांतिक समुदगात कहलाता है
उदारहण ---सर्विस वालो का जहा ट्रासंफर होगया, तो जहा ट्रांसफर हुआ वहा पहले जाकर मकान , आफिस आदि को देखकर आना फिर बाद मे परिवार व सामान सहित वहा जाकर रहना
5---तैजस समुदघात ----अन्य जीवो की अनुकंपा ( दयावश ) हेतु या विनाश हेतु 6वे गुणस्थानवर्ती ऋद्धिधारी मुनिराज के बाऐ अथवा दाऐ कंधे से तैजस शरीर का एक पुतला निकलता , उसके साथ आत्म प्रदेशो का बाहर निकलना तैजस समुदघात कहलाता
तैजस समुदघात 2 प्रकार का होता है
1 शुभ तैजस समुदघात
2अशुभ तैजस समुदघात