आर्यिका सुभुषण माताजी (Aryika Subhushan Mataji ) :- -
scjain - 08-13-2014
Aryika Subhushan Mataji (आर्यिका सुभुषण माताजी):-
१.गंगा जमुना में जब तक ये पानी रहे, मेरी माता तेरी जिन्दगानी रहे , जिन्दगानी रहे ,
माता हो गुरु माता, -२
मैंने अष्ट द्रव्य का थाल सजाया, ला के माता के चरणों में चढ़ाया,
तेरी पुजा करूं, तेरी भक्ति करूं, तेरे चरणॉं में ध्यान हमारा रहे, हमारा रहे,
माता हो गुरु माता, -२
२.अनर्घ्य पद के हेतु गुरुवर,चरणों में अर्घ समर्पित है,
मोक्ष न पाऊँ जब तक गुरुवर,हर भव तुम्हें समर्पित है।
अष्ट द्रव्य का थाल सजा कर ,गुरु चरणों में चढ़ायेंगे,
जब तक घट में प्राण रहेंगे ,गुरुवर के गुण गायेंगे॥
३.पीछी कमण्डल धारी माता नमन तुम्हें हम करते हैं,
अष्ट द्रव्य का थाल सजा कर गुरु चरणों में वरते हैं ।
ऐसी ज्ञानी -ध्यानी आर्यिका सुभूषणमतिमाताजी हैं ,
शत - शत वन्दन गुरु चरणों में , जन जन की कल्याणी हैं ॥
४.जल चंदन अक्षत चरु दीपक धूप फूल फल लाए है,
अष्ट द्रव्य का थाल सजा कर चरण चढ़ाने आए हैं l
सुभूषणमति माता तुम्हारी चरण - शरण में आए हैं,
ह्मको भव से पार करो यह अरज सुनाने आए हैं॥
RE: Aryika Subhushan Mataji (आर्यिका सुभुषण माताजी) -
sumit patni - 08-22-2014
Thankyou. MAtaji ke charno mein trivar namostu. Arati bhi mil sakti hein kya ?