06-15-2021, 11:21 AM
जिनागम को छह खण्ड के द्वारा विभक्त करके “षट्खण्डागम" इस सार्थक नाम को देकर सिद्धान्तसूत्ररूप से लिपिबद्ध किया था।
छह खण्डों के अलग-अलग नाम हैं।
छह खण्डों के अलग-अलग नाम हैं।
- जीवस्थान,
- क्षुद्रकबंध,
- बन्धस्वामित्वविचय,
- वेदनाखण्ड,
- वर्गणाखण्ड
- महाबंध