09-25-2022, 03:20 PM
आचार्य ज्ञानसागरजी महाराज कृत हिन्दी पद्यानुवाद एवं सारांश
गाथा -87
जिनागममें है पदार्थका यथार्थ वर्णन किया गया ।
गुणमय वस्तु और पर्ययमय गुण यो तत्पन लिया गया ॥
जो नर अरहन्तोपदेश पाकरके तात्विक भावसने ।
मोहरागरोष प्रणाशकर शीघ्रतया वह शांत बने ॥ ४४ ॥
गाथा -87
जिनागममें है पदार्थका यथार्थ वर्णन किया गया ।
गुणमय वस्तु और पर्ययमय गुण यो तत्पन लिया गया ॥
जो नर अरहन्तोपदेश पाकरके तात्विक भावसने ।
मोहरागरोष प्रणाशकर शीघ्रतया वह शांत बने ॥ ४४ ॥