08-01-2014, 08:04 AM
Vastu tips for Kitchen :-
1. रसोई बनाने से पहले वास्तु के अनुसार आदर्श स्थान दक्षिण-पूर्व कोना (आग्रेय कोण) होता है। दूसरे स्थान के रूप में उत्तर-पश्चिम या वायव्य कोण में भी रसोई का निर्माण किया जाए तो अच्छा रहता है।
2.दक्षिण, पश्चिम, उत्तर, ईशान कोण एवं नैऋत्य कोण रसोई के लिए वर्जित होते हैं।
3. रसोई में गैस सिलैंडर और चूल्हा स्थापन इस प्रकार होना चाहिए कि खाना बनाने वाले का चेहरा पूर्व की तरफ हो। साथ ही प्लेटफार्म उत्तर एवं पूर्व की दीवार में एकदम न लगता हों।
4.जल और अग्रि साथ-साथ न हों इसके लिए बर्तन धोने का सिंक और पानी के नल चूल्हे से दूर होने चाहिएं।
5. रसोई घर में अवन इत्यादि बिजली उपकरण अग्रि कोण में होने चाहिएं।
6. फ्रिज दक्षिण-पश्चिम में तथा एग्जॉस्ट फैन ईशान कोण में होना चाहिए।
7. गैस चूल्हे के ऊपर सामान रखने के लिए अलमारियों का निर्माण नहीं करवाना चाहिए। हवा का आवागमन सुगमता से हो सके, इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए।
8.रसोई घर की दीवार से सटा कर, इसके ऊपर या नीचे टॉयलैट नहीं होना चाहिए।
9. रसोई घर के एकदम मध्य में बैठकर कभी भी भोजन नहीं करना चाहिए साथ ही रसोई घर का चूल्हा बाहर बैठे व्यक्ति को दिखाई नहीं देना चाहिए।
10. रसोई के ऊपर या नीचे सोने का कमरा या पूजा कक्ष न हो, इसका भी ध्यान रखना जरूरी है।
11.रसोई के उत्तर-पूर्व की ओर हल्के सामान का भंडारण करें, जबकि दक्षिण और पश्चिम की ओर भारी वस्तुओं का। भोजन कक्ष का निर्माण रसोई घर के नजदीक ही करना चाहिए, यथासंभव पूर्व या पश्चिम की तरफ हो।
12. बैठने का आयोजन इस प्रकार हो कि खाने वाले का मुंह दक्षिण की तरफ न हो।
13. रसोई घर में रंगों का आयोजन बहुत हल्का होना चाहिए। वास्तु अनुसार ही रंगों का चयन हो तो रसोई समृद्धशाली बनती है। हल्का हरा, हल्का नींबू जैसा रंग, हल्का संतरी या हल्का गुलाबी।
14.किचन की ऊँचाई 10 से 11 फीट होनी चाहिए और गर्म हवा निकलने के लिए वेंटीलेटर होना चाहिए। यदि 4-5 फीट में किचन की ऊँचाई हो तो महिलाओं के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। कभी भी किचन से लगा हुआ कोई जल स्त्रोत नहीं होना चाहिए। किचन के बाजू में बोर, कुआँ, बाथरूम बनवाना अवाइड करें, सिर्फ वाशिंग स्पेस दे सकते हैं।
15. किचन में सूर्य की रोशनी सबसे ज्यादा आए। इस बात का हमेशा ध्यान रखें। किचन की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि इससे सकारात्मक व पॉजिटिव एनर्जी आती है।
16. किचन हमेशा दक्षिण-पूर्व कोना जिसे अग्निकोण (आग्नेय) कहते है, में ही बनवाना चाहिए। यदि इस कोण में किचन बनाना संभव न हो तो उत्तर-पश्चिम कोण जिसे वायव्य कोण भी कहते हैं पर बनवा सकते हैं।
17. किचन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा प्लेटफार्म हमेशा पूर्व में होना चाहिए और ईशान कोण में सिंक व अग्नि कोण चूल्हा लगाना चाहिए।
18. किचन के दक्षिण में कभी भी कोई दरवाजा या खिड़की नहीं होने चाहिए। खिड़की पूर्व की ओर में ही रखें।
19. रंग का चयन करते समय भी विशेष ध्यान रखें। महिलाओं की कुंडली के आधार पर रंग का चयन करना चाहिए।
20. किचन में कभी भी ग्रेनाइट का फ्लोर या प्लेटफार्म नहीं बनवाना चाहिए और न ही मीरर जैसी कोई चीज होनी चाहिए, क्योंकि इससे विपरित प्रभाव पड़ता है और घर में कलह की स्थिति बढ़ती है।
21. किचन में लॉफ्ट, अलमारी दक्षिण या पश्चिम दीवार में ही होना चाहिए।
22. पानी फिल्टर ईशान कोण में लगाएँ
1. रसोई बनाने से पहले वास्तु के अनुसार आदर्श स्थान दक्षिण-पूर्व कोना (आग्रेय कोण) होता है। दूसरे स्थान के रूप में उत्तर-पश्चिम या वायव्य कोण में भी रसोई का निर्माण किया जाए तो अच्छा रहता है।
2.दक्षिण, पश्चिम, उत्तर, ईशान कोण एवं नैऋत्य कोण रसोई के लिए वर्जित होते हैं।
3. रसोई में गैस सिलैंडर और चूल्हा स्थापन इस प्रकार होना चाहिए कि खाना बनाने वाले का चेहरा पूर्व की तरफ हो। साथ ही प्लेटफार्म उत्तर एवं पूर्व की दीवार में एकदम न लगता हों।
4.जल और अग्रि साथ-साथ न हों इसके लिए बर्तन धोने का सिंक और पानी के नल चूल्हे से दूर होने चाहिएं।
5. रसोई घर में अवन इत्यादि बिजली उपकरण अग्रि कोण में होने चाहिएं।
6. फ्रिज दक्षिण-पश्चिम में तथा एग्जॉस्ट फैन ईशान कोण में होना चाहिए।
7. गैस चूल्हे के ऊपर सामान रखने के लिए अलमारियों का निर्माण नहीं करवाना चाहिए। हवा का आवागमन सुगमता से हो सके, इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए।
8.रसोई घर की दीवार से सटा कर, इसके ऊपर या नीचे टॉयलैट नहीं होना चाहिए।
9. रसोई घर के एकदम मध्य में बैठकर कभी भी भोजन नहीं करना चाहिए साथ ही रसोई घर का चूल्हा बाहर बैठे व्यक्ति को दिखाई नहीं देना चाहिए।
10. रसोई के ऊपर या नीचे सोने का कमरा या पूजा कक्ष न हो, इसका भी ध्यान रखना जरूरी है।
11.रसोई के उत्तर-पूर्व की ओर हल्के सामान का भंडारण करें, जबकि दक्षिण और पश्चिम की ओर भारी वस्तुओं का। भोजन कक्ष का निर्माण रसोई घर के नजदीक ही करना चाहिए, यथासंभव पूर्व या पश्चिम की तरफ हो।
12. बैठने का आयोजन इस प्रकार हो कि खाने वाले का मुंह दक्षिण की तरफ न हो।
13. रसोई घर में रंगों का आयोजन बहुत हल्का होना चाहिए। वास्तु अनुसार ही रंगों का चयन हो तो रसोई समृद्धशाली बनती है। हल्का हरा, हल्का नींबू जैसा रंग, हल्का संतरी या हल्का गुलाबी।
14.किचन की ऊँचाई 10 से 11 फीट होनी चाहिए और गर्म हवा निकलने के लिए वेंटीलेटर होना चाहिए। यदि 4-5 फीट में किचन की ऊँचाई हो तो महिलाओं के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। कभी भी किचन से लगा हुआ कोई जल स्त्रोत नहीं होना चाहिए। किचन के बाजू में बोर, कुआँ, बाथरूम बनवाना अवाइड करें, सिर्फ वाशिंग स्पेस दे सकते हैं।
15. किचन में सूर्य की रोशनी सबसे ज्यादा आए। इस बात का हमेशा ध्यान रखें। किचन की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि इससे सकारात्मक व पॉजिटिव एनर्जी आती है।
16. किचन हमेशा दक्षिण-पूर्व कोना जिसे अग्निकोण (आग्नेय) कहते है, में ही बनवाना चाहिए। यदि इस कोण में किचन बनाना संभव न हो तो उत्तर-पश्चिम कोण जिसे वायव्य कोण भी कहते हैं पर बनवा सकते हैं।
17. किचन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा प्लेटफार्म हमेशा पूर्व में होना चाहिए और ईशान कोण में सिंक व अग्नि कोण चूल्हा लगाना चाहिए।
18. किचन के दक्षिण में कभी भी कोई दरवाजा या खिड़की नहीं होने चाहिए। खिड़की पूर्व की ओर में ही रखें।
19. रंग का चयन करते समय भी विशेष ध्यान रखें। महिलाओं की कुंडली के आधार पर रंग का चयन करना चाहिए।
20. किचन में कभी भी ग्रेनाइट का फ्लोर या प्लेटफार्म नहीं बनवाना चाहिए और न ही मीरर जैसी कोई चीज होनी चाहिए, क्योंकि इससे विपरित प्रभाव पड़ता है और घर में कलह की स्थिति बढ़ती है।
21. किचन में लॉफ्ट, अलमारी दक्षिण या पश्चिम दीवार में ही होना चाहिए।
22. पानी फिल्टर ईशान कोण में लगाएँ