६४ ऋध्दियां प्राकृत भाषा में व उनका हिंदी में अर्थ
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६४ ऋध्दियां प्राकृत भाषा में उनका  हिंदी में अर्थ :-



   णमो जिणाणं - ऐसे ऋधिधारी मुनिराज जिन्होने क्रोध मान माया और लोभ को जीत लिया है, उन्हें मेरा प्रमाण होवे
 
    णमो  ओहि जिणाणं  - ऐसे ऋधिधारी मुनिराज जिन्हे अवधि ज्ञान प्राप्त है, उन्हें मेरा प्रमाण होवे
 
    णमो  परमोहि  जिणाणं  - ऐसे ऋधिधारी मुनिराज जिन्हे  परमावधि ज्ञान प्राप्त है, उन्हें मेरा प्रमाण होवे
 
    णमो  सव्वोहि  जिणाणं  -  ऐसे ऋधिधारी मुनिराज जिन्हे सर्वावधि ज्ञान प्राप्त है, उन्हें मेरा प्रमाण होवे  
 
     णमो  अणंतोहि जिणाणं -  ऐसे ऋधिधारी मुनिराज जिनकी मर्यादा अनन्त है, उन्हें मेरा प्रमाण होवे      
 
    णमो विउल मदीणं  - ऐसे ऋधिधारी मुनिराज जिन्हें विपुलमती मनःपर्यय ज्ञान है, उन्हें मेरा प्रमाण होवे  
 
     णमो विज्जाहराणं - ऐसे ऋधिधारी मुनिराज जिन्हैं अनेक विद्याएँ प्राप्त हों , उन्हें मेरा प्रमाण होवे  
 
      णमो आगास गामीणं-  ऐसे ऋधिधारी मुनिराज जिन्हैं  आकाशगामी ऋद्धि प्राप्त हो , उन्हें मेरा प्रमाण होवे
 
      णमो पण्ण समणाणं - ऐसे ऋधिधारी मुनिराज जिन्हैं  सम्यक् प्रज्ञा प्राप्त हुई हो , उन्हें मेरा प्रमाण होवे
 
      णमो घोर गुणाणं - ऐसे ऋधिधारी मुनिराज जो उत्कृष्ट गुणों के धारी हैं, उन्हें मेरा प्रमाण होवे
 
      णमो वड्ढमाणाणं - ऐसे ऋधिधारी मुनिराज जिनका ज्ञान बढ़ता हुआ है, उन्हें मेरा प्रमाण होवे
 
      णमो विउव्वइड्ढि पत्ताणं -  - ऐसे ऋधिधारी मुनिराज जिन्हैं विक्रिया की ऋद्धियां प्राप्त है , उन्हें मेरा प्रमाण होवे
 
       णमो चारणाणं - ऐसे ऋधिधारी मुनिराज जिन्हैं चारण ऋद्धियां प्राप्त है , उन्हें मेरा प्रमाण होवे
शेष सलग्न फाइल में
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