04-06-2022, 09:49 AM
श्रेणी किसे कहते हैं और श्रेणी के कितने भेद हैं ?
उत्तर—जिस मार्ग पर आरुढ़ होकर चारित्रमोहनीय कर्म का उपशम अथवा क्षय किया जाता है, उसे श्रेणी कहते हैं। श्रेणी के दो भेद हैं। १. उपशम श्रेणी—चारित्रमोहनीय कर्म के उपशम के लिए किया जाने वाला आरोहण। इस श्रेणी के ८, ९, १०, ११ ये चार गुणस्थान होते हैं। इस श्रेणी वाला जीव नियम से ११ वें गुणस्थान से गिर जाता है। २. क्षपक श्रेणी—चारित्र मोहनीय के क्षय के लिए किया जाने वाला आरोहण। इस श्रेणी के ८, ९, १०, १२ ये चार गुणस्थान हैं। यह जीव नियम से केवलज्ञान पूर्णकर मुक्ति प्राप्त कर लेता है।
उत्तर—जिस मार्ग पर आरुढ़ होकर चारित्रमोहनीय कर्म का उपशम अथवा क्षय किया जाता है, उसे श्रेणी कहते हैं। श्रेणी के दो भेद हैं। १. उपशम श्रेणी—चारित्रमोहनीय कर्म के उपशम के लिए किया जाने वाला आरोहण। इस श्रेणी के ८, ९, १०, ११ ये चार गुणस्थान होते हैं। इस श्रेणी वाला जीव नियम से ११ वें गुणस्थान से गिर जाता है। २. क्षपक श्रेणी—चारित्र मोहनीय के क्षय के लिए किया जाने वाला आरोहण। इस श्रेणी के ८, ९, १०, १२ ये चार गुणस्थान हैं। यह जीव नियम से केवलज्ञान पूर्णकर मुक्ति प्राप्त कर लेता है।