English translation with original Hindi content of Regulation 22 Repeal and Saving of the Jaipur building bye laws 2020
22 निरसन तथा व्यावृति (Repeal and saving):
(i) With the effect of these regulations, the previous building regulations and any amendments and other orders made in it shall be automatically repealed.
(i) इन विनियमों के प्रभावशील होने के साथ ही पूर्व के भवन विनियम तथा इसमें समय पर किये संशोधन तथा अन्य आदेश स्वतः निरस्त हो जावेंगे।
(ii) In case of any contradictory provision in any other existing effective law/regulation, the other relevant laws/regulations related to building construction in the urban area shall have priority over the effect of these regulations
(ii) वर्तमान में प्रचलित प्रभावशील किसी अन्य अधिनियम/नियम में किसी प्रतिकूल बात का उल्लेख होने पर इन विनियमों के प्रभावशील होने पर नगरीय क्षेत्र में भवन निर्माण के संबंध में अन्य सम्बन्धित अधिनियम / नियम को प्राथमिकता देनी होगी ।
(iii) In cases where the construction of a building has been completed under previous regulations/rules and the construction of the building has not commenced as per the approved maps, then during the period of validity of the NOC, the competent authority can collect the required fees as per the rules for a period of two years, after which an increase can be made. If the applicant wants to obtain approval for construction as per the current regulations, then after paying the required modification fees as per these regulations, a new approval can be granted. In such cases, it will also be ensured that the construction period mentioned in the lease deed has expired, and if so, then the construction period must be extended by depositing the designated fees as per the rules. Prior to the effective date of these regulations, the developer may submit applications for building construction approval to the competent authority for consideration based on the developer’s preference for either the previous building regulations or the building approval as per these regulations.
(iii) जिन प्रकरणों में पूर्व विनियमों/नियमों के अधीन भवन निर्माण किये जाने की अवधि समाप्त हो चुकी है एवं अनुमोदित मानचित्रों के अनुसार भवन का निर्माण प्रारंभ नहीं हुआ है तो अनुशा की अवधि में सक्षम अधिकारी द्वारा दो वर्ष के लिए नियमानुसार देय शुल्क जमा कराया जाकर वृद्धि की जा सकेगी। यदि आवेदक वर्तमान विनियमों के अनुसार निर्माण स्वीकृति चाहता है इन विनियमों के अनुसार देय संशोधन हेतु शुल्क जमा कराया जोने के पश्चात नवीन स्वीकृति दी जा सकेगी। ऐसे प्रकरणों में यह भी सुनिश्चित किया जावेगा कि लीज डीड/पट्टा में उल्लेखित निर्माण अवधि समाप्त हो चुकी हो तो नियमानुसार निर्धारित शुल्क जमा करवाकर निर्माण अवधि बढ़वाया जाना आवश्यक होगा। इन विनियमों के प्रभावी होने से पूर्व किसी विकासकर्ता द्वारा सक्षम अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत भवन निर्माण स्वीकृति के आवेदनों पर विकासकर्ता के चाहे अनुसार इससे पूर्व के भवन विनियमों अथवा इन विनियमों के अनुसार भवन निर्माण स्वीकृति दी जा सकेगी।
(iv) If the allocation/lease of any plot of land is sold by auction or by deed of sale for any purpose by an authorized officer, which does not fulfill the criteria of minimum width or minimum area measurement standards specified in these rules, then in such a situation, based on the width of the road on which the plot is located and the area measurement of the plot, building construction approval can be issued under these rules while adhering to the measurement standards.
(iv) यदि किसी भूखण्ड का आवंटन / पहा/ लीज डीड/नीलामी द्वारा विक्रय किसी भी प्रयोजन हेतु सक्षम अधिकारी द्वारा जारी किया गया हो अथवा जारी किया जाता है, जो इन विनियमों में उल्लेखित सड़क की न्यूनतम चौडाई अथवा न्यूनतम क्षेत्रफल के मापदण्डों की पूर्ति नहीं करता हो, तो ऐसी स्थिति में जिस सडक पर भूखण्ड स्थित है उसकी चौडाई तथा भूखण्ड क्षेत्रफल के आधार पर इन विनियमों के तहत मापदण्ड रखते हुए भवन निर्माण स्वीकृति जारी की जा सकेंगी।
(v) If the proposed construction exceeds the previously approved building plans or the current building regulations, then the amount due for additional construction beyond the maximum approved construction area will be collected as a betterment levy, and the deposited amount/betterment levy will be adjusted towards the additional construction after the local authority collects the betterment levy for the additional construction.
(v) किसी भवन के पूर्व में अनुमोदित भवन मानचित्रों की संशोधित किये जाने अथवा वर्तमान में प्रचलित भवन विनियमों के तहत् अनुज्ञेय अतिरिक्त निर्माण प्रस्तावित किये जाने पर पूर्व में अनुज्ञेय अधिकतम निर्मित क्षेत्र के अतिरिक्त निर्माण हेतु देय राशि बेटरमेंट लेवी के रूप में वसूलनीय होगी व पूर्व में जमा की गई राशि/बेटरमेंट लेवी का समायोजन के पश्चात् अतिरिक्त निर्माण हेतु बेटरमेंट लेवी स्थानीय निकाय द्वारा वसूली की जावेगी ।
(vi) The duration for commencing the construction of all approved buildings on the building map will be three years. If the construction work is not initiated as per the approved building maps within three years, then the capable officer/registered technical expert/architect must revalidate such building maps. The required fees for revalidation must be deposited in the concerned municipal corporation as per the rules. If any modifications have been made in the building regulations/standards at the time of revalidation, then the necessary fees for modification as per the rules must be deposited to make the modifications in the building maps.
(vi) समस्त अनुमोदित भवन मानचित्र की भवन निर्माण प्रारंभ करने की अवधि तीन वर्ष होगी, यदि तीन वर्षों में अनुमोदित भवन मानचित्रों के अनुरूप निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया जाता है तो ऐसे भवन मानचित्रों की सक्षम अधिकारी / पंजीकृत तकनीकी विद/वास्तुविद से Re- Validateकरवाया जाना अनिवार्य होगा। Re-Validationहेतु नियमानुसार देय शुल्क संबंधित नगरीय निकाय में जमा कराया जाना होगा। यदि Re-Validationके समय भवन विनियमों/ मानदण्डों में किसी प्रकार का संशोधन किया गया है तो तदानुसार भवन मानचित्रों में संशोधन हेतु नियमानुसार देय शुल्क लिया जाकर किया जा सकेगा।
(vii) All municipal corporations must provide information on approved building maps, building completion certificates, and building occupancy certificates issued online or offline by registered technical experts/architects on their website as a separate link. This information must include the name, address, mobile number, email address of the building owner, date of receipt of the building map application, date of approval of the building map, and location of the building site with Latitude/Longitude/Google Maps coordinates.
(vii) समस्त नगरीय निकायों द्वारा ऑनलाईन अथवा ऑफलाईन अथवा पंजीकृत तकनीकी विदों / वास्तुविद द्वारा जारी भवन मानचित्र अनुमोदन / भवन पूर्णता प्रमाण-पत्र / भवन अधिवास प्रमाण-पत्र की सूचना भवन स्वामी का नाम, पता, मोबाईल नं., ई-मेल एड्रेस/भवन मानचित्र आवेदन प्राप्ति दिनांक / भवन मानचित्र अनुमोदन दिनांक तथा भवन स्थल के Latitude/Longitude/ भूखण्ड की Google Mapपर लोकेशन आदि नगरीय निकाय की वेबसाईट पर पृथक लिंक के रूप में उपलब्ध करवाया जाना अनिवार्य होगा।
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Latest Amendment in Rajasthan Building Bye Laws 29 Nov 2022-fd.pdf
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