द्वितीय वलय शांतिनाथ विधान

प्रतिष्ठाचार्य ब्र. सूरजमल जैन पूजा प्रथम वलय द्वितीय वलय त्रिभङ्गी छन्द १६ अर्ध्य शाश्वत दर्शन ज्ञान सुखामृत बल अनन्त प्रभु धारत है । योग रूढ़ हो आत्म महाबल घातिकर्म को टारत है ॥ ऐसे जिनवर शाँति प्रभु को इन्द्र यतीन्द्र नरेन्द्र भजे । हम पूजें उन पद पंकज को रोग शोक दारिद्र भजे ||1|| ॐ […]

श्री शांतिनाथ मण्डल विधान

श्री शांतिनाथ मण्डल विधान पूजन

प्रतिष्ठाचार्य ब्र. सूरजमल जैन स्थापना गीत आवो आवो नाथ मेरे तिष्ट इस शुभ मंडले । संसार बन्धन तोड़ने को बैठिये हृदये भले |  नाम शान्तिनाथ है शुभ शान्ति के दाता सदा ।   हे नाथ हम पूजें चरण तव होत याते भव विदा || ॐ ह्रीं श्री शांतिनाथ सर्व कर्म बन्धन बिमुक्त सकल शान्तिकम् सम्पूर्णोत्तम हे […]